मैं और मेरी नास्तिकता
मैँ बहुत आभारी हूं कि आप लोगों ने मुझे यहां, इस जलसे में बुलाया. यहां आकर मुझे बहुत खुशी है कि इतने अंधेरे में भी लोग दीये जलाये हुए हैं. और गम इस बात का है कि २१वीं सदी में नास्तिकता पर चर्चा हो रही है. एक ऐसा विषय जिसका फैसला १८वीं सदी में ही …